Jagannath Puri Mandir Live Update: रत्न भंडार, का गुप्त खजाना पुरी, ओडिशा में 12वीं शताब्दी का भगवान जगन्नाथ मंदिर के संयोग से 46 साल बाद रविवार को फिर से खोला गया।
समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ के अनुसार, तिजोरी को दोबारा खोलने का फैसला मांग एवं भगवान देवी बिमला, देवी लक्ष्मी, और भगवान लोकनाथ, जो स्वामी माने जाते हैं के आशीर्वाद के बाद लिया गया।
राज्य सरकार की 11 सदस्यीय टीम को प्रवेश की अनुमति दी गईमंदिर के खजाने में, हालांकि इसकी तत्काल कोई सूची नहीं हैकीमती सामान का प्रबंध किया गया। मंदिर की प्रबंधन समिति का नेतृत्व नामधारी ने किया ‘पुरी के राजा’ दिब्यसिंघा देब सहित चयनित ओडिशा सरकार द्वारा सदस्य रत्न भंडार की सुरक्षा की देखरेख करते हैं।
रत्न भंडार के दोबारा खुलने से ध्यान आकर्षित हुआ है।इसमें दुर्लभ सहित खजानों का विशाल संग्रह है। हीरे, सोने और कीमती रत्नों से बने आभूषण राजा अनंगभीम देव जैसे ऐतिहासिक शख्सियतों द्वारा दान दिया गया।बताया जाता है कि भीतरी कक्ष को ‘भीतर भंडार’ के नाम से जाना जाता है इसमें 74 किस्मों सहित 180 प्रकार के आभूषण शामिल हैं। शुद्ध सोने की वस्तुएँ और 140 से अधिक चाँदी के आभूषण। इतना ही नहीं इनमें सोने और हीरे की प्लेटें और प्राचीन सिक्के भी शामिल हैं।
1978 में ली गई अंतिम सूची में व्यापक खुलासा हुआ। जिसमे सोने और चांदी के आभूषणों की जानकारी मिली, लेकिन 1985 खजाना की मरम्मत के लिए तिजोरी फिर से खोली गई थी मगर तिजोरी की सामग्री का रहस्य, काल्पनिक नागों सहित कई लोगों को मोहित और चिंतित किया है।
रत्न भंडार खोलने की प्रक्रिया में कुछ चीजें आवश्यक है जैसे की एक शुभ समय का चयन करना और जरूरत पड़ने पर ताला तोड़ना ये सभी परक्रिया मजिस्ट्रेट की निगरानी में होती है। ऐसा माना जाता है धन के पास सांप पाए जाते है ऐसे में सपेरे एवं चिकित्सा टीम का होना बहुत आवश्यक हो जाता है।
हाल ही में फिर से भंडार खोला है। मंदिर के कुछ पुराने रहस्य खुल सकते है और इसमें योगदान दिया जाएगा। बीजेपी ने ओडिशा चुनाव से पहले इसको खोलने का वादा किया था।
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