किसान बजट भाषण: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने किसान बजट भाषण में कहा कि अगले दो वर्षों में देशभर में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह उनका लगातार सातवां बजट है, और उन्होंने कहा, “सरकार का ध्यान गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों पर रहेगा। सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाएगी।” इसके अलावा, उन्होंने पांच राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड शुरू करने की भी घोषणा की।
प्राकृतिक खेती: वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कृषि अनुसंधान को बदलने, विशेषज्ञ निगरानी में जलवायु के अनुकूल नई किस्मों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने दावा किया कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से अगले एक साल में एक करोड़ किसान इससे जुड़ेंगे।
दाल और दलहन में आत्मनिर्भरता: सीतारमण ने कहा कि दाल और दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए उत्पादन, भंडारण और विपणन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार का फोकस सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी और सोयाबीन जैसी फसलों पर होगा।
कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा: सरकार राज्यों के साथ मिलकर कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी। इस पहल का उद्देश्य खेती के तरीकों को आधुनिक बनाना और तकनीक के माध्यम से दक्षता में सुधार करना है।
सब्जी उत्पादन क्लस्टर: उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टरों को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार झींगा पालन और विपणन के लिए फंड भी उपलब्ध कराएगी।
पांच योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का बजट: सीतारमण ने कहा, “गरीब, युवा, महिला, किसान जैसे प्रमुख वर्गों पर ध्यान देने की कोशिश की जा रही है। रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर निरंतर ध्यान दिया जा रहा है। रोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जुड़ी पांच योजनाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है।”
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